अनुसंधानकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ वर्षों में शुक्राणुओं की संख्या (स्पर्म काउंट) में अच्छी-खासी गिरावट पायी है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि शुक्राणुओं की संख्या न केवल मानव प्रजनन बल्कि पुरुषों के स्वास्थ्य का भी संकेतक है और इसके कम स्तर का संबंध पुरानी बीमारी, अंड ग्रंथि के कैंसर और घटती उम्र के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है.
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