अध्ययन का नाम आर्कटिक क्लाइमेट (MOSAiC) अभियान है. जिसमें 20 देशों से करीब 100 से ज्यादा वैज्ञानिक इन सवालों का पता लगा रहें थे कि ओजोन परत को क्या सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है और आर्कटिक में परिवर्तनों का क्या कारण रहा है, जिसमें भारत से भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM), Pune) भी शामिल हुआ.
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