दास्तान-गो : सलिल चौधरी, ‘डिज़ाइन’ के बजाय ‘डिज़ायर’ पर चलने और संगीत रचने वाले!

Daastaan-Go ; Salil Chowdhary Death Anniversary : मैंने ख़ुद के तज़रबों से समझा कि सालों-साल में फिल्म संगीत ने अपनी एक अलग ज़बान बना ली है. वह पूरे मुल्क में, बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप में हर जगह, एक जैसी समझी जाती है. चाहे वह दक्षिण हो, उत्तर या उत्तर-पूर्व. इस मायने में देखा जाए तो फिल्म-जगत की यह उपलब्धि है क्योंकि राष्ट्रीय एकता का जो मक़सद दूसरे माध्यम ठीक तरह से हासिल नहीं कर पाए, वह फिल्म-संगीत ने कर दिखाया.

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