उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को इस सवाल को बड़ी पीठ के पास भेज दिया कि क्या दोषसिद्धि से पूर्व या बरी होने के बावजूद एक ही आरोप के लिए निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट (एनआई) एक्ट और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अलग-अलग मुकदमा चलाया जा सकता है?
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