दास्तान-गो : ब. व. कारंत… कहते थे- जब तक ज़िंदा रहूंगा, थिएटर करता रहूंगा

Daastaan-Go ; B.V. Karanth Death Anniversary : पहले दिन रिकॉर्डिंग रूम में पहुंचे, तो वहां का दरवाजा खोलकर आगे बढ़े ही थे कि पीछे से आवाज आई- चूंssssss ठक्क. इसे सुनते ही वे ठिठक गए. पलटकर फिर दरवाजा खोला. वह दोबारा वैसी ही आवाज के साथ बंद हुआ. यह सुनते ही उन्होंने मजाकिया लहजे में दरवाजे को हाथ जोड़ते हुए कहा- आप तो पूरे सुर में हैं. वहां मौजूद लोगों को लगा कि यह मजाक है. मगर सब लोग तब अचरज में पड़ गए, जब....

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