Irregularity by bank employees: पीठ ने कहा, ‘‘महज इसलिए कि कर्मचारी इस बीच सेवानिवृत्त हो गया, उसे अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किये गये कदाचार से आरोपमुक्त नहीं किया जा सकता है और उसके कदाचार की प्रकृति को देखते हुए वह किसी छूट का हकदार नहीं है.’’न्यायालय ने कहा, ‘‘बैंक कर्मचारी हमेशा ही विश्वास का पद धारण करते हैं जहां ईमानदारी और सत्यनिष्ठा आवश्यक शर्त है और इस तरह के विषयों से नरमी से निपटने की कभी सलाह नहीं दी जा सकी. ’’
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